बनारस में गंगा वही है, लेकिन बनारसीपन घटता जा रहा है… गंगा किनारे घंटे व घड़ियाल की आवाजें धीमी पड़ने लगी हैं। गलियों में खद्दर के धोती-कुर्ता और मुंह में पान दबाए लोग भी कम दिखाई देते हैं। बनारस…
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बनारस में गंगा वही है, लेकिन बनारसीपन घटता जा रहा है… गंगा किनारे घंटे व घड़ियाल की आवाजें धीमी पड़ने लगी हैं। गलियों में खद्दर के धोती-कुर्ता और मुंह में पान दबाए लोग भी कम दिखाई देते हैं। बनारस…
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