बिहार विधानसभा चुनाव 2020: चिराग पासवान (फाइल फोटो) – फोटो : PTI
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
बिहार में 28 अक्तूबर को प्रथम चरण के लिए मतदान होने हैं। ऐसे में सभी पार्टियों ने लोगों को लुभाना शुरू कर दिया है। भाजपा और जनता दल यूनाइडेट (जदयू) जहां मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं राजद के नेतृत्व में महागठबंधन ने भी ताल ठोक दी है। इसके अलावा केंद्र में भाजपा के घटल दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। भाजपा ने हालांकि साफ कर दिया है कि वह लोजपा के नहीं जदयू के साथ है। इसी बीच लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक चैनल के साथ बातचीत में कहा कि उनके पिता राम विलास पासवान ने उन्हें अकेले चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था।
चिराग से जब पूछा गया कि आप एनडीए के दोस्त हैं। राजनीतिक उठापटक के बीच आपने अपने पिता को खो दिया। आपको हाल ही में उनका अंतिम संस्कार करना पड़ा है तो उन्होंने कहा कि हां ये सब मेरे लिए काफी मुश्किल है। मैं उन्हें बहुत याद करता हूं। मैं अपने पिता के निधन के लिए तैयार नहीं था। मुझे लगता है कि कोई भी इस तरह की परिस्थिति के लिए कभी तैयार नहीं होता है। राज्य में चुनाव होने हैं और मैं वहां नहीं हूं। वे मेरी ताकत का आधार थे। उनके साथ के कारण मैं दुनिया से लड़ सकता था। मैं वास्तव में ऐसा कर रहा था और मैं ऐसा करना जारी रखूंगा। ये उनका सबसे बड़ा सपना था कि पार्टी अकेले चुनाव लड़े। मैं उनके इस सपने को पूरा करुंगा।
चिराग ने कहा, ‘उन्होंने मुझे अकेले चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मुझसे कहा कि 2005 में मैंने यह फैसला लिया। तुम युवा हो तुम यह निर्णय क्यों नहीं ले रहे हो। तुम्हें अकेले चुनाव लड़ना चाहिए। इससे पार्टी मजबूत होगी।’ जब उनसे पूछा गया कि लोगों को लगता है कि अकेले चुनाव लड़ने का फैसला आपका है जबकि ऐसा आपके पिता चाहते थे तो लोजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘भाजपा के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय, राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, राम कृपाल यादव ने उनसे (रामविलास पासवान) बात की और वे इस चीज को लेकर स्पष्ट थे कि पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।’
चिराग ने बताया कि उनके पिता ने उनसे कहा था कि यदि वर्तमान मुख्यमंत्री दोबारा राज्य की सत्ता संभालते हैं तो तुम्हें आने वाले 10-15 सालों में इसका पछतावा होगा क्योंकि तुम्हारी वजह से राज्य को अगले और पांच साल पीड़ित होना पड़ेगा। वे इस बात को लेकर स्पष्ट थे। यदि तुम्हारी मदद से नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो यह मुसीबत होगी। इसलिए उन्होंने मुझे अकेले चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
बिहार में 28 अक्तूबर को प्रथम चरण के लिए मतदान होने हैं। ऐसे में सभी पार्टियों ने लोगों को लुभाना शुरू कर दिया है। भाजपा और जनता दल यूनाइडेट (जदयू) जहां मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं राजद के नेतृत्व में महागठबंधन ने भी ताल ठोक दी है। इसके अलावा केंद्र में भाजपा के घटल दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। भाजपा ने हालांकि साफ कर दिया है कि वह लोजपा के नहीं जदयू के साथ है। इसी बीच लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक चैनल के साथ बातचीत में कहा कि उनके पिता राम विलास पासवान ने उन्हें अकेले चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था।
चिराग से जब पूछा गया कि आप एनडीए के दोस्त हैं। राजनीतिक उठापटक के बीच आपने अपने पिता को खो दिया। आपको हाल ही में उनका अंतिम संस्कार करना पड़ा है तो उन्होंने कहा कि हां ये सब मेरे लिए काफी मुश्किल है। मैं उन्हें बहुत याद करता हूं। मैं अपने पिता के निधन के लिए तैयार नहीं था। मुझे लगता है कि कोई भी इस तरह की परिस्थिति के लिए कभी तैयार नहीं होता है। राज्य में चुनाव होने हैं और मैं वहां नहीं हूं। वे मेरी ताकत का आधार थे। उनके साथ के कारण मैं दुनिया से लड़ सकता था। मैं वास्तव में ऐसा कर रहा था और मैं ऐसा करना जारी रखूंगा। ये उनका सबसे बड़ा सपना था कि पार्टी अकेले चुनाव लड़े। मैं उनके इस सपने को पूरा करुंगा।
चिराग ने कहा, ‘उन्होंने मुझे अकेले चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मुझसे कहा कि 2005 में मैंने यह फैसला लिया। तुम युवा हो तुम यह निर्णय क्यों नहीं ले रहे हो। तुम्हें अकेले चुनाव लड़ना चाहिए। इससे पार्टी मजबूत होगी।’ जब उनसे पूछा गया कि लोगों को लगता है कि अकेले चुनाव लड़ने का फैसला आपका है जबकि ऐसा आपके पिता चाहते थे तो लोजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘भाजपा के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय, राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, राम कृपाल यादव ने उनसे (रामविलास पासवान) बात की और वे इस चीज को लेकर स्पष्ट थे कि पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।’
चिराग ने बताया कि उनके पिता ने उनसे कहा था कि यदि वर्तमान मुख्यमंत्री दोबारा राज्य की सत्ता संभालते हैं तो तुम्हें आने वाले 10-15 सालों में इसका पछतावा होगा क्योंकि तुम्हारी वजह से राज्य को अगले और पांच साल पीड़ित होना पड़ेगा। वे इस बात को लेकर स्पष्ट थे। यदि तुम्हारी मदद से नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो यह मुसीबत होगी। इसलिए उन्होंने मुझे अकेले चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
JDU-BJP के बीच बिहार में सरकार बनने के बाद कई मुद्दों पर उभरे हैं मतभेद पटना: बिहार के सत्तारूढ़ गठबंधन में उठापटक की खबरों के बीच जदयू (JDU and BJP) ने कहा है कि उनकी […]
हिमांशु मिश्र, अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Thu, 01 Oct 2020 04:52 AM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी। *Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY […]
बिहार में शाम तक स्पष्ट हो जाएगा कि किसके सिर जीत का सेहरा बंधने वाला है। चुनाव में इस बार महागठबंधन की तरफ से लालू प्रसाद यादव के नाम को भी किनारे रखा गया और […]
Be the first to comment