मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ पूरे देश में एक साथ टीकाकरण अभियान की शुरुआत होगी और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एक टीकाकरण केंद्र पर एक सत्र में 100 लोगों का टीकाकरण होगा। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चरणबद्ध तरीके से प्राथमिकता समूह के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी।
आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास सेवा) कर्मियों समेत सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को इस चरण में टीके दिए जाएंगे। हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत का टीकाकरण अभियान दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा। उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक द्वारा विकसित ‘कोवैक्सीन’, दोनों सुरक्षा के मानकों पर सुरक्षित और असरदार हैं।
अभियान की सफलता में अहम भूमिका निभाएगा ‘कोविन’
कोविड नियंत्रण कक्ष के अपने दौरे के दौरान स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार ऑनलाइन मंच ‘कोविन’ की कार्यप्रणाली के हरेक पहलुओं पर गौर किया। टीकाकरण कार्यक्रम में इस पोर्टल की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके जरिए वैक्सीन के भंडार, स्टोरेज के तापमान, लाभार्थियों के नामों का पता लगाया जाएगा। टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से मदद मिलेगी।
बयान में कहा गया कि हर्षवर्धन ने सुझाव दिया कि सॉफ्टवेयर में संशोधन और ‘कोविन’ मंच के अनुभवों का इस्तेमाल भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण अभियान में किया जा सकता है। उन्होंने कोविन पर सभी गैर प्राथमिकता समूहों के लाभार्थियों के लिए पंजीकरण पन्ने की भी समीक्षा की। उन्होंने सॉफ्टवेयर डाटाबेस को और बेहतर बनाने को लेकर सुझाव भी दिए।
अफवाहों-दुष्प्रचारों को लेकर तैयारी, रहेगी करीबी नजर
मंत्रालय ने बयान में कहा कि विशेष कोविड नियंत्रण कक्ष के जरिए देश भर में कोविड-19 के आंकड़ों के लिए जिला स्तर पर निगरानी की जाती है। आंकड़ों से महामारी की स्थिति का विश्लेषण भी किया जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ महीने में इस विशेष नियंत्रण कक्ष के जरिए सरकार को मृत्यु दर, संक्रमण दर और अन्य मापदंडों की निगरानी करने में मदद मिली और इससे निषिद्ध क्षेत्र को लेकर रणनीतियां तैयार की गई हैं।
केंद्रीय मंत्री ने ‘संचार नियंत्रण कक्ष’ के कामकाज की भी समीक्षा की जिसे कोविड-19 टीके के संबंध में दुष्प्रचार और अफवाहों पर करीबी नजर रखने के लिए बनाया गया है।
‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ की 1.65 करोड़ खुराकों में से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को डाटाबेस में उपलब्ध स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या के हिसाब से टीकों का आवंटन कर दिया गया है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 10 प्रतिशत खुराकों को सुरक्षित रखने और एक दिन में एक सत्र में 100 लोगों के टीकाकरण के लिए कहा गया है।
एक सत्र में तय संख्या से ज्यादा लोगों को नहीं लगेगा टीका
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि जल्दबाजी में एक दिन में एक सत्र में निर्धारित लोगों से ज्यादा का टीकाकरण नहीं होना चाहिए। आगामी दिनों में चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण केंद्र की संख्या भी बढ़ाने को कहा गया है। सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा।
स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम कर्मियों पर टीकाकरण का खर्च सरकार वहन करेगी। हर्षवर्धन शनिवार को दिन में दस से-साढे दस बजे के बीच एम्स की नयी ओपीडी शाखा में जाएंगे जहां पर एम्स के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण होगा। इसके बाद वह शहर के कुछ अन्य टीकाकरण केंद्रों पर भी जाएंगे।
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